अमूमन लोग जीते हैं
बड़ी तरकीब से जिंदगानी...
वो बेतरतीब है, तो मेरी
मानिंद ही सिरफिरा होगा...
सबेरे किश्तीगीर सारे
चुन लाये समुन्दर से मोती...
मेरी ही आँख से कल रात
आंसू कोई गिरा होगा...
शहर में चर्चे बहुत हैं..
किसी को गहरी शिकायत है..
गिला क्या, बेशक वो
पुराना दोस्त मिरा होगा.....
ऐ बदनसीबी तेरा शैतान है मालिक,
तो मेरा भी ख़ुदा है..
फिर फ़िज़ा के हाथो
खिज़ा का मजा किरकिरा होगा....
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteNae girne duga tere akho sai ye anmol moti!!! Kha li hai kasam hamesha nibhauga ye dosti!!!! From rehal
ReplyDeleteNae girne duga tere akho sai ye anmol moti!!! Kha li hai kasam hamesha nibhauga ye dosti!!!! From rehal
ReplyDelete