गीली माटी पर एड़ी रखकर गोल घुमाना याद है
रंग बिरंगी बना पतंगें, छत पे उड़ाना याद है
छोटे बड़े कंचों के खजाने का, जान से प्यारा हो जाना
चुपके चुपके मम्मी के पर्स से टॉफ़ी खाना याद है..
हर साइज के गुड्डे गुड़िया लेकर, रोजाना उनकी लाइफ चलाना
एक दूजे के बाल बनाना, मेकअप करना याद है...
घर की टंकी पर डॉल का स्विमिंग पूल बनाना याद है...
carrom की गोटी हम वाइट ही लेंगे, उस पर लड़ना याद है. .
पथ कुटटे के गेम खेलने गिट्टी से, वो 5 'नगीने' चुन लाना
बाजू वाली आंटी के छत से, पोटैटो चिप्स चुराना याद है
खेल खिलौनों के बटवारे पर कितनी भी हाथापाई हो जाए
कितनी भी हो जाए लड़ाई, मम् को न बताना याद है...
डॉल का बर्थडे, डॉल की वेडिंग..हर बात पे महीनों की प्लानिंग..
पॉकेट मनी से 'नन्दीश्वर पार्क' में पिकनिक जाना याद है...
फॉक्स किड्स की मिमिक्स में घर जो चिड़ियाघर बन जाता था....
मम्मी के ऑफिस से आने से पहले, आनन फानन में जमाना याद है.
25K per month कमाकर भी खुश न रहने वाली जनरेशन को,
२5 पैसे per hour रेंटल साइकिल पर दुनिया पा जाना याद है...
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